Driver ड्राईवरो के लिऐ नया नोटिस जरी किया

Image
  Driver ड्राईवरो के लिऐ नया नोटिस जरी किया   आपने एक ड्राइवर एसोसिएशन की ओर से आयोजित बैठक के बारे में जानकारी साझा की है।  उन्होंने संसद में पारित एक बिल के खिलाफ विरोध जताया है जिसमें सड़क हादसे में फरारी पर सख्त कानून है। यह बिल ड्राइवर समुदाय के विरुद्ध माना गया है क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे हमले की जा सकती है और उन्हें कोई संरक्षण नहीं मिलेगा।  इस बिल में हमले के चलते होने वाली क्षति या मौत पर सरकार द्वारा कोई विवरण नहीं है, इसलिए उन्होंने इसका स्पष्टीकरण मांगा हैl  इस बिल के विरोध में, 4 जनवरी को एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया है जहां सरकारी निर्णय का विरोध किया जाएगा और सभी ड्राइवरों से बैठक में शामिल होने की अपील की गई है।

Student Life Essay विद्यार्थी जीवन पर निबंध |

नमस्कार फ्रेन्ड

                   आज हम विद्‌यार्थी के जीवन में क्या क्या होता है जानेगे इसे पढकर आप उत्साहित होंगे और आपके अंदर सकारत्म उर्जा का संचार होगा. हमारे जीवन में उत्साह का बड़ा ही महत्व होता हैं. हमें खुद को उत्साहित रखना चाहिए और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रखना चाहिए.

Student Life(छात्र जीवन):-mystudyrelated2021.blogspot.com

विद्यार्थीStudent जीवन एक मानव के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अच्छा समय होता है।  यह भावी जीवन के लिए ज्ञान और प्रशिक्षण प्राप्त करने का उच्च समय होता है, छात्र हमारे देश के भावी पुरुष और महिलाएं हैं।  किसी व्यक्ति के जीवन का भविष्य मुख्य रूप से संस्कार उचित शिक्षा और छात्र जीवन में प्रशिक्षण ,संस्कार  पर निर्भर करता है।  छात्र जीवन को जीवन का बीज-काल कहा जाता है।  अगर अच्छी फसल चाहिए, तो हमें उचित समय पर बीज देना होगा।  छात्र जीवन भविष्य के लिए खुद को तैयार करने का समय है।  इस अवस्था में मन द्रव अवस्था में होता है और इसे किसी भी आकार या इच्छा में ढाला जा सकता है।

विद्‌यार्थी जीवन साधना और तपस्या का जीवन है । यह काल एकाग्रचित्त होकर अध्ययन और ज्ञान-चिंतन का है । यह काल सांसारिक भटकाव से स्वयं को दूर रखने का काल है । विद्‌यार्थियों के लिए यह जीवन अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है । यह चरित्र-निर्माण का समय है । यह अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने का एक महत्त्वपूर्ण समय है ।

विद्‌यार्थी जीवन पाँच वष की आयु से आरंभ हो जाता है । इस समय जिज्ञासाएँ पनपने लगती हैं । ज्ञान-पिपासा तीव्र हो उठती है । बच्चा विद्‌यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए उद्‌यत हो जाता है । उसे घर की दुनिया से बड़ा आकाश दिखाई देने लगता है । नए शिक्षक नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है । वह समझने लगता है कि समाज क्या है और उसे समाज में किस तरह रहना चाहिए । उसके ज्ञान का फलक विस्तृत होता है । पाठ्‌य-पुस्तकों से उसे लगाव हो जाता है । वह ज्ञान रस का स्वाद लेने लगता है जो आजीवन उसका पोषण करता रहता है ।

 

"काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च । अल्पहारी गृह त्यागीविद्यार्थी पंच लक्षणं ॥" 


विद्‌या अर्जन की चाह रखने वाला विद्‌यार्थी जब विनम्रता को धारण करता है तब उसकी राहें आसान हो जाती हैं । विनम्र होकर श्रद्धा भाव से वह गुरु के पास जाता है तो गुरु उसे सहर्ष विद्‌यादान देते हैं । वे उसे नीति ज्ञान एवं सामाजिक ज्ञान देते हैं, गणित की उलझनें सुलझाते हैं और उसके अंदर विज्ञान की समझ विकसित करते हैं । उसे भाषा का ज्ञान दिया जाता है ताकि वह अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सके । इस तरह विद्‌यार्थी जीवन सफलता और पूर्णता को प्राप्त करता हुआ प्रगतिगामी बनता है ।

विद्‌यार्थी जीवन मानवीय गुणों को अंगीभूत करने का काल है । सुख-दु:ख, हानि-लाभ, सर्दी-गर्मी से परे होकर जब विद्‌यार्थी नित्य अध्ययनशील हो जाता है तब उसका जीवन सफल हो जाता है । विद्‌या प्राप्ति के निमित्त कुछ कष्ट तो उठाने ही पड़ते हैं, आग में तपे बिना सोना शुद्ध नहीं होता । इसलिए आदर्श विद्‌यार्थी जीवन में सुख की चाह न रखते हुए केवल विद्‌या की चाह रखता है । वह धैर्य, साहस, ईमानदारी, लगनशीलता, गुरुभक्ति, स्वाभिमान जैसे गुणों को धारण करता हुआ जीवन-पथ पर बढ़ता ही चला जाता है । वह संयमित जीवन जीता है ताकि विद्‌यार्जन में बाधा उत्पन्न न हो । वह नियमबद्ध और अनुशासित रहता है । वह समय की पाबंदी पर विशेष ध्यान देता है ।

"अपने उद्देश्य में इमानदारी से लगे रहना ही सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है …!! "

  

विद्‌या केवल पुस्तकों में नहीं होती । ज्ञान की बातें केवल गुरुजनों के मुखारविन्द से नहीं निकलतीं । ज्ञान तो झरने के जल की तरह प्रवाहमान रहता है । विद्‌यार्थी जीवन इस प्रवाहमान जल को पीते रहने का काल है । खेल का मैदान हो या डिबेट का समय, भ्रमण का अवसर हो अथवा विद्‌यालय की प्रयोगशाला, ज्ञान सर्वत्र भरा होता है । विद्‌यार्थी जीवन इन भांति- भांति रूपों में बिखरे ज्ञान को समेटने का काल है । स्वास्थ्य संबंधी बातें इसी जीवन में धारण की जाती हैं । व्यायाम और खेल से तन को इसी जीवन में पुष्ट कर लिया जाता है । विद्‌यार्थी जीवन में पढ़ाई के अलावा कोई ऐसा हुनर सीखा जाता है जिसका आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके ।आदर्श विद्‌यार्थी अपने अध्यापक अथवा गुरुजनों का पूर्ण आदर करता है । वह उनके हर आदेश का पालन करता है । अध्यापक उसे जो भी पढ़ने अथव याद करने के लिए कहते हैं वह उसे ध्यानपूर्वक पढ़ता है ।

 गुण- अवगुण, अच्छा-बुरा, पुण्य-पाप, धर्म- अधर्म सब जगह है । विद्‌यार्थी जीवन में ही इनकी पहचान करनी होती है । चतुर वह है जो सार ग्रहण कर लेता है और असार एवं सड़े-गले का त्याग कर देता है । सार है विद्‌या, सार है सद्‌गुण और असार है दुर्गुण । विद्‌यार्थी जीवन में दुर्गुणों से एक निश्चित दूरी बना लेनी चाहिए ।

ADVERTISEMENTS:

अच्छी आदतें अपनानी चाहिए । बुजुर्गों का सम्मान करना सीख लेना चाहिए । मधुर वाणी का महत्त्व समझ लेना चाहिए । अखाद्‌य तथा नशीली चीजों से परे रहना चाहिए । शारीरिक एवं मानसिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए । पर्यावरण सुधार के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए । विद्‌यार्थी जीवन समाप्त होने पर इन सब बातों पर ध्यान देना नासमझी ही है ।https://mystudyrelated2021.blogspot.com/?m=1

विद्‌यार्थी जीवन संपूर्ण जीवन का स्वर्णिम काल है । इसका पूरा आनंद उठाना चाहिए । इस जीवन में अनेक प्रकार के प्रलोभन आते हैं जिनसे सावधानी बरतने की आवश्यकता है ।

विद्‌यार्थी जीवन को मनुष्य के जीवन की आधारशिला कहा जाता है । इस समय वह जिन गुणों व अवगुणों को अपनाता है वही आगे चलकर चरित्र का निर्माण करते हैं । अत: विद्‌यार्थी जीवन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है ।https://mystudyrelated2021.blogspot.com/2021/04/mp-board-2021-10-12.html?m=1

एक आदर्श विद्‌यार्थी वह है जो परिश्रम और लगन से अध्ययन करता है तथा सद्‌गुणों को अपनाकर स्वयं का ही नहीं अपितु अपने माँ-बाप व विद्‌यालय का नाम ऊँचा करता है । वह अपने पीछे ऐसे उदाहरण छोड़ जाता है जो अन्य विद्‌यार्थियों के लिए अनुकरणीय बन जाते हैं ।

एक आदर्श विद्‌यार्थी सदैव पुस्तकों को ही अपना सबसे अच्छा मित्र समझता है । वह पूरी लगन और परिश्रम से उन पुस्तकों का अध्ययन करता है जो जीवन निर्माण के लिए अत्यंत उपयोगी हैं । इन उपयोगी पुस्तकों में उसके विषय की पुस्तकों के अतिरिक्त वे पुस्तकें भी हो सकती हैं जिनमें सामान्य ज्ञान आधुनिक जगत की नवीनतम जानकारियाँ तथा अन्य उपयोगी बातें भो होती हैं ।

एक आदर्श विद्‌यार्थी सदैव परिश्रम को ही पूरा महत्व देता है । वह परिश्रम को ही सफलता की कुंजी मानता है क्योंकि प्रसिद्‌ध उक्ति है:


”उद्‌यमेन ही सिद्‌धयंति कार्याणि न मनोरथे,


न हि सुप्तस्य सिहंस्य प्रविशंति मुखे मृगा: ।”

https://mystudyrelated2021.blogspot.com/2021/03/study%20method%20%20%20%20ke%20.html?m=1


हमारे वेब साइट:-

https://mystudyrelated2021.blogspot.com/पढ़ाई से  संबंधित सभी प्रकार  जानकारिया 

प्राप्त क्र सकते है | जैसे:- "My study-related" is All subject information Blog. Here you

 will find all kind of sech and study-related content for Example:-(Hindi, English, Physics, Chemist, Mathematics, Science, Biology, Computer)and (UG\PG)(Engineering, Diploma /ITI)( MCQ question)and Technical knowledge, Basic Technical, Technical thought, 

 Basic knowledge and online work, online from applying and (Story, Shayari, comedy)Etc.


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

MP P.P.T Fees Refund: मध्यप्रदेश प्री-पॉलिटेक्निक टेस्ट 2020 के परीक्षा फीस रिफंड की लास्ट डेट बढ़ी, MP PPT 2020 Fees Refund Online Form apply

Study method (पढ़ाई करने ke तरीके)

Driver ड्राईवरो के लिऐ नया नोटिस जरी किया